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अजीब दस्तूर सा है ये के मिले न वो हमे अब जिंदगी को

अजीब दस्तूर सा है ये के मिले न वो हमे
अब जिंदगी को हमने समझौता कर दिया।

#माधवेन्द्र_फैज़ाबादी #रिवाज़
अजीब दस्तूर सा है ये के मिले न वो हमे
अब जिंदगी को हमने समझौता कर दिया।

#माधवेन्द्र_फैज़ाबादी #रिवाज़