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#OpenPoetry देखना चाहते हैं भगवान तो घूम कर आइए हि

#OpenPoetry देखना चाहते हैं भगवान तो घूम कर आइए हिंदुस्तान

जो जवान देश के लिए जान देता है
वह सिर्फ शहीद नहीं हमारे देश का भगवान होता है
वह सिर्फ शहीद नहीं हमारे देश का भगवान होता है
और जिस दिन देशवासी यह समझ जाएगा 
उस दिन से किसी और भगवान का पूजा नहीं करना पड़ेगा
स्वयं श्री किशन भगवान ने भगवत गीता में बोला है
कि भगवान तो इंसान के अंदर ही होता है
बस उसको पहचान ना पड़ता है
और जो हमारी खुशी के लिए जान देता है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

युद्ध के बाद किसी की घर में कटा हुआ हाथ तो किसी की घर में बस एक उंगली पहुंच जाता है
किसी के घर में खून से नहलाने हुआ कपड़ा तो किसी की घर में बस खाली बक्सा ही पहुंच जाता है
तो वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है
तो वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

जो मां अपने बेटे को, जो बेटी अपने बाप को, जो पत्नी अपने पति को, और जो देश अपनी वीर जवान को आकर खोता है 
और जिस गम में उसकी परिवार पूरी जिंदगी रोता है 
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

हां मैं मानता हूं, मैं मानता हूं भगवान को
जिनके कुर्बानी से हम आज आजाद है हमारा देश आजाद है
हमें मानता हूं खुदीराम बोस को, सुभाष चंद्र बोस
मैं मानता हूं सूर्या सेन को
मैं मानता हूं भगत सिंह को
मैं मानता हूं महात्मा गांधी को
मैं मानता हूं चंद्रशेखर आजाद को और मैं मानता हूं ऐसे सैकड़ों देश प्रेमीक को जो हंसते-हंसते अपनी जान इस वतन के नाम कुर्बान कर देता है
और आज ही हमारे देश के वीर जवान जो हमारी खुशी के लिए अपनी जान कुर्बान कर देता है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है #OpenPoetry  Payal Singh Sandip Gadimor
#OpenPoetry देखना चाहते हैं भगवान तो घूम कर आइए हिंदुस्तान

जो जवान देश के लिए जान देता है
वह सिर्फ शहीद नहीं हमारे देश का भगवान होता है
वह सिर्फ शहीद नहीं हमारे देश का भगवान होता है
और जिस दिन देशवासी यह समझ जाएगा 
उस दिन से किसी और भगवान का पूजा नहीं करना पड़ेगा
स्वयं श्री किशन भगवान ने भगवत गीता में बोला है
कि भगवान तो इंसान के अंदर ही होता है
बस उसको पहचान ना पड़ता है
और जो हमारी खुशी के लिए जान देता है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

युद्ध के बाद किसी की घर में कटा हुआ हाथ तो किसी की घर में बस एक उंगली पहुंच जाता है
किसी के घर में खून से नहलाने हुआ कपड़ा तो किसी की घर में बस खाली बक्सा ही पहुंच जाता है
तो वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है
तो वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

जो मां अपने बेटे को, जो बेटी अपने बाप को, जो पत्नी अपने पति को, और जो देश अपनी वीर जवान को आकर खोता है 
और जिस गम में उसकी परिवार पूरी जिंदगी रोता है 
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है

हां मैं मानता हूं, मैं मानता हूं भगवान को
जिनके कुर्बानी से हम आज आजाद है हमारा देश आजाद है
हमें मानता हूं खुदीराम बोस को, सुभाष चंद्र बोस
मैं मानता हूं सूर्या सेन को
मैं मानता हूं भगत सिंह को
मैं मानता हूं महात्मा गांधी को
मैं मानता हूं चंद्रशेखर आजाद को और मैं मानता हूं ऐसे सैकड़ों देश प्रेमीक को जो हंसते-हंसते अपनी जान इस वतन के नाम कुर्बान कर देता है
और आज ही हमारे देश के वीर जवान जो हमारी खुशी के लिए अपनी जान कुर्बान कर देता है
वह हमारे लिए भगवान नहीं तो और क्या है #OpenPoetry  Payal Singh Sandip Gadimor
pritamkumar9087

Pritam Kumar

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