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जब एक स्त्री और पुरुष परिपूर्ण प्रेम और आनंद में

जब एक स्त्री और पुरुष 
परिपूर्ण प्रेम और आनंद में  मिलते हैं, 
तो वह मिलन एक 
स्प्रिचुअल एक्ट हो जाता है,
एक आध्यात्मिक कृत्य हो जाता है। 
फिर उसका सेक्स से 
कोई संबंध नहीं है। 
वह मिलन फिर कामुक नहीं है, 
वह मिलन शारीरिक नहीं है।
वह मिलन इतना अनूठा है,
वह उतना ही महत्वपूर्ण है,
जितनी किसी योगी की समाधि। 
उतना ही महत्वपूर्ण है 
वह मिलन, 
जब दो आत्माएं 
परिपूर्ण प्रेम से संयुक्त होती हैं। 
और उतना ही पवित्र है वह कृत्य, 
क्योंकि परमात्मा उसी कृत्य से 
जीवन को जन्म देता है 
और जीवन को गति देता है।

©Andy Mann #lovelife  Ashutosh Mishra  MRS SHARMA  Miss Anu.. thoughts  Sangeet...  Sharma_N
जब एक स्त्री और पुरुष 
परिपूर्ण प्रेम और आनंद में  मिलते हैं, 
तो वह मिलन एक 
स्प्रिचुअल एक्ट हो जाता है,
एक आध्यात्मिक कृत्य हो जाता है। 
फिर उसका सेक्स से 
कोई संबंध नहीं है। 
वह मिलन फिर कामुक नहीं है, 
वह मिलन शारीरिक नहीं है।
वह मिलन इतना अनूठा है,
वह उतना ही महत्वपूर्ण है,
जितनी किसी योगी की समाधि। 
उतना ही महत्वपूर्ण है 
वह मिलन, 
जब दो आत्माएं 
परिपूर्ण प्रेम से संयुक्त होती हैं। 
और उतना ही पवित्र है वह कृत्य, 
क्योंकि परमात्मा उसी कृत्य से 
जीवन को जन्म देता है 
और जीवन को गति देता है।

©Andy Mann #lovelife  Ashutosh Mishra  MRS SHARMA  Miss Anu.. thoughts  Sangeet...  Sharma_N
praveenmann1050

Andy Mann

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