.. मौज़ु ए हालात से समझ तजुर्बे जोड़ती रही, कमसकम ज़रूरी हो ज़्यादा तो ज़्यादती ही रही.. .. उस्ताद की तालीम हालात से ज़हीन हो रहीं, तय निसाब के हर पहलू में बसीरत बेशुमार रहीं.. .. एहसान मंद हैं के शुक्रगुज़ार ये उलझन रही, भरपूर पे तसल्ली आते से रुख़सत की घड़ी रही.. .. 🌱खुशामदीद..💞 निसाब माने, पाठ्यक्रम, अंग्रेज़ी में सिलेबस/ syllabus. बसीरत माने, अनुभूति, अंग्रेज़ी में इनसाइट/insight.