जिम्मेदारी के साथ एक अंजाना भय समाया रहता है। मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के सबकी परवाह करते हैं पर ख़ुद के लिए सोचने का समय नहीं है। बहन-भाई की हर ज़रूरत का ख़्याल रखते है, घर की हर छोटी बड़ी ज़रूरत को पूरा करते हैं। ख़ुद के लिए सपने कहां देख पाते हैं...