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शुभकामनाओं के कुछ फूल तुम्हें आज देता हूँ विदाई पर

शुभकामनाओं के कुछ फूल तुम्हें आज देता हूँ
विदाई पर तुम्हारी कुछ यादें तुम्हें देता हूँ
हाइड्रोजन की स्थिति में तुम आये थे यहाँ
गोल्ड सी चमक चेहरे पे लाये थे यहाँ
मरकरी से क्लास रूम मे तुम पिघल जाते थे
जब गलती कर कोई टीचर के पास तुम आते थे
पढ़ाई कर स्टेबल ऑर्बिट पाने की चाह तो सबकी थी
पर कुछ इलेक्ट्रान की कमी से ये लक्ष्य यूँ ही रह जाते थे
कभी सोडियम से जल जाते हवा में
जब दोस्त शैतानी करते थे
पकड़े जाने पर झूठे जिंक की
प्लेटिंग उस पर करते थे
पीरियाडिक टेबल सी क्लास तुम्हारी बढ़ती गयी
 साल निकलते गए सोच तुम्हारी बढ़ती गयी
यूँ घूमता घूमता लास्ट ऑर्बिट में 
इलेक्ट्रॉन तुम्हारा आ गया
स्कूल से विदा होने का 
ये साल तुम्हारा आ गया
आज के दिन ये विदाई तुम ले लो
चमकते भविष्य की ये बधाई तुम ले लो।
एसिड और बेस के स्वाद सी 
कुछ यादें दिल में होंगी
स्पिरिट सी उड़ती 
कुछ चाहते दिल  में होंगी
साहस को अपने कभी डाइल्यूट ना करना
मन को गंदे केमिकल से कभी पॉल्यूट ना करना
हौसले रूपी इलेक्ट्रॉन तुम्हारे
किसी भी सीमा को लाँघ सकते हैं
तुम बस अपने मेहनत की
उन्हें वो एनर्जी दिए रखना
वैसे तो कार्बन के एलोट्रोप दोनों ही होते हैं
पर तुम खुद को ग्रेफाइट नहीं , डायमंड बनाए रखना
न्यूक्लियर चैन रिएक्शन सी तुम सदा प्रगति करो
हर बाधा को पार कर तुम नित नई उन्नति करो
आज तुम्हें सफलता के कुछ मंत्र यही देता हूँ
विदाई पर तुम्हारी कुछ यादें तुम्हें देता हूँ
शुभकामनाओं के कुछ फूल तुम्हें आज देता हूँ।
Composed by -B.S.Rautela
             Date-24/01/2019
             Time -10:58pm


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शुभकामनाओं के कुछ फूल तुम्हें आज देता हूँ
विदाई पर तुम्हारी कुछ यादें तुम्हें देता हूँ
हाइड्रोजन की स्थिति में तुम आये थे यहाँ
गोल्ड सी चमक चेहरे पे लाये थे यहाँ
मरकरी से क्लास रूम मे तुम पिघल जाते थे
जब गलती कर कोई टीचर के पास तुम आते थे
पढ़ाई कर स्टेबल ऑर्बिट पाने की चाह तो सबकी थी
पर कुछ इलेक्ट्रान की कमी से ये लक्ष्य यूँ ही रह जाते थे
कभी सोडियम से जल जाते हवा में
जब दोस्त शैतानी करते थे
पकड़े जाने पर झूठे जिंक की
प्लेटिंग उस पर करते थे
पीरियाडिक टेबल सी क्लास तुम्हारी बढ़ती गयी
 साल निकलते गए सोच तुम्हारी बढ़ती गयी
यूँ घूमता घूमता लास्ट ऑर्बिट में 
इलेक्ट्रॉन तुम्हारा आ गया
स्कूल से विदा होने का 
ये साल तुम्हारा आ गया
आज के दिन ये विदाई तुम ले लो
चमकते भविष्य की ये बधाई तुम ले लो।
एसिड और बेस के स्वाद सी 
कुछ यादें दिल में होंगी
स्पिरिट सी उड़ती 
कुछ चाहते दिल  में होंगी
साहस को अपने कभी डाइल्यूट ना करना
मन को गंदे केमिकल से कभी पॉल्यूट ना करना
हौसले रूपी इलेक्ट्रॉन तुम्हारे
किसी भी सीमा को लाँघ सकते हैं
तुम बस अपने मेहनत की
उन्हें वो एनर्जी दिए रखना
वैसे तो कार्बन के एलोट्रोप दोनों ही होते हैं
पर तुम खुद को ग्रेफाइट नहीं , डायमंड बनाए रखना
न्यूक्लियर चैन रिएक्शन सी तुम सदा प्रगति करो
हर बाधा को पार कर तुम नित नई उन्नति करो
आज तुम्हें सफलता के कुछ मंत्र यही देता हूँ
विदाई पर तुम्हारी कुछ यादें तुम्हें देता हूँ
शुभकामनाओं के कुछ फूल तुम्हें आज देता हूँ।
Composed by -B.S.Rautela
             Date-24/01/2019
             Time -10:58pm


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मलंग

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