मैं नारी हूं , मेरी धर्म-जाति मत पूछना, सबसे पहले मुझे एक इंसान समझना, मैं कोई चिड़िया नहीं जिसका बंद पिंजरा हो बसेरा, आता है मुझे ज़मीन से आसमान तक का सफर तय करना, मुझे मोम की गुड़िया या मिट्टी का चिराग मत समझना, जो पिघल और बुझ जाएगा, मैं तो वो मशाल हूं , जो अंधेरे में अपनी रोशनी से रास्ता दिखाएगा, नीरजा का साहस, तो कभी कल्पना का द्ड़ निशचय कहलाएगा, मैं जानती हूं अपने हक को सुरक्षित रखना, सपनों को साकार कर सुनहरा कल लिखना, मुझे गुज़रा हुआ इतिहास मत समझना, मैं हूं परिवार और देश की इज्ज़त और सम्मान का गहना, रस्मों रिवाजों की बेड़ियों में मत जकड़ना, मेरे कपड़ों से नहीं, अच्छे संस्कारों से मुझे परखना, इंसान हूं मैं, इंसान ही समझना । ©Sushira Gulati #नारीशक्ति #नारीसशक्तिकरण #WForWriters #poetry #Inspiration @Ankush @Neeraj $