मुझे जाने दो पुकार रहा है शायद कोई अपना सुबह से जाग रहा हूँ रात को भी कँहा सोया हूँ बड़ा मीठा था टूट गया खुली आँखों का सपना यँहा चार दिवारी में दीवारों से लोग बातें करते है मुझे जाने दो यँहा से यंहा कोई नही है अपना बेड़ियां बांध रखी है तुमने मेरे पैरों में गले मे फंदा शायद फाँसी का लटक रहा है जल्लाद बन बैठा है यंहा मेरी जान का वो सपना मुझे जाने दो पुकार रहा है शायद कोई अपना मुझे जाने दो #mujhejanedo #yqdidi #yqbhaijan #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Bhaijan #terasukhi #terasukhiquotes #sukhi56walaquotes #shayari