🌷🌷 कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी🌷🌷 ( Read the full poem in caption) !! कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी!! कभी रात भर जगाती हैं । कभी रास्ते भर भगाती हैं ।। कुछ ख्वाहिशें अधूरी सी कभी बन्द ऑखों के सामने आ जाती। तो कभी खुली ऑखों में खो जाती ।।