चाँदनी को कबू आपने चाँद से मिलाओगे खुद तो कर नही सकते ,मेरी कब कराओगे अरे मंदिर सुना सुना सा है, लुप्त हुए कागी परमिशन के चक्कर मे है, संत और हागी हे बाबा जी बाजा बाजी, कि न बाजी ✍अमित ©Amit Upadhyay बाजा बाजी कि न बाजी #seashore Suman Zaniyan