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मैं... तुम्हारे प्रेम में क़ैद हो वो आज़ादी चाहती हू

मैं...
तुम्हारे प्रेम में क़ैद हो
वो आज़ादी चाहती हूँ.....






(अनुशीर्षक में पढ़ें) मैं 
तुम्हारे प्रेम में क़ैद हो,
वो आज़ादी चाहती हूँ,
कि तुम्हारे हाथों को थामकर
निसंकोच टहल सकूँ
बहती नदी के किनारे,

देख सकूँ
मैं...
तुम्हारे प्रेम में क़ैद हो
वो आज़ादी चाहती हूँ.....






(अनुशीर्षक में पढ़ें) मैं 
तुम्हारे प्रेम में क़ैद हो,
वो आज़ादी चाहती हूँ,
कि तुम्हारे हाथों को थामकर
निसंकोच टहल सकूँ
बहती नदी के किनारे,

देख सकूँ