समय बड़ा है मतवाला। जाने क्या-क्या खेल दिखाए, समय बड़ा है मतवाला, साक्षी हम बन रहे हैं ये इतिहास बन रहा है काला। कुछ दिन पहले तक दुनिया के सारे काम ज़रूरी थे, सपनों का पीछा करने में, अपने सब दूर- दूर ही थे। पर जब जीवन पर बन आयी तब सारे काम निरर्थक हैं, अब सारे शांति-प्रचारक हैं, अब सारे शांति-समर्थक हैं। दुनियादारी, दान -धरम, सब काम हो रहे हैं घर पर, दुष्कर्म, पाप ,चोरी ,हत्या, सब दुराचार हैं छुट्टी पर। सोंचो तो सपना सा है, अब सारे काम रुके से हैं, खाते-पीते, सोते-जगते, सुबह-शाम, सब थके से हैं। क्यूँ ऐसा लगता है मानो, पड़ा मौत से है पाला। जाने क्या-क्या खेल दिखाए, समय बड़ा है मतवाला ।। -सूरज #quarantined #Tired