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पूछे कोई जब तुम्हें तो कहना मुझे कोई दुख नहीं सच त

पूछे कोई जब तुम्हें तो कहना मुझे कोई दुख नहीं
सच तो ये कि कोई नहीं ऐसा जिसे कोई दुख नहीं 

उदास आँखें फिर भी मुस्कुरा के मिलते हैं सबसे 
जो भी मुस्कुराता देखे तो सोचे इसे कोई दुख नहीं 

जिसको भी दुख है जिंदगी में बस अपने तक रखे 
सबसे मगर ये बेपरवाह हंसकर कहे कोई दुख नहीं

भला उसे मेरी मोहब्बत का दर्द कैसे समझ आता
जिसे मोहब्बत में मुझसे बिछड़ने का कोई दुख नहीं

मुझको एक दुख है कि मोहब्बत में मैं हार गई तुझे
सच कहूं तो जिंदगी में इसके परे मुझे कोई दुख नहीं
suman कोठारी

©एहसासों की दुनिया #Blossom
पूछे कोई जब तुम्हें तो कहना मुझे कोई दुख नहीं
सच तो ये कि कोई नहीं ऐसा जिसे कोई दुख नहीं 

उदास आँखें फिर भी मुस्कुरा के मिलते हैं सबसे 
जो भी मुस्कुराता देखे तो सोचे इसे कोई दुख नहीं 

जिसको भी दुख है जिंदगी में बस अपने तक रखे 
सबसे मगर ये बेपरवाह हंसकर कहे कोई दुख नहीं

भला उसे मेरी मोहब्बत का दर्द कैसे समझ आता
जिसे मोहब्बत में मुझसे बिछड़ने का कोई दुख नहीं

मुझको एक दुख है कि मोहब्बत में मैं हार गई तुझे
सच कहूं तो जिंदगी में इसके परे मुझे कोई दुख नहीं
suman कोठारी

©एहसासों की दुनिया #Blossom