तुम्हारा मौन हो जाना.....… ******************** हां मुझे चुभता है तुम्हारा मौन हो जाना तुम्हारा मौन हो जाना तुम्हें आसान शिकार बनाता है तुम्हारा मौन हो जाना तुम्हें कायर ठहराता है तुम्हारा मौन तुम्हारी आने वाली तबाही का आगाज़ है मिटा दी जाएगी वो संस्कृति जिस पर हिन्द को नाज़ है (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) हां मुझे चुभता है तुम्हारा मौन हो जाना जब कोई सेना के पवित्र दामन पर दाग लगाता है हां मुझे चुभता है तुम्हारा मौन हो जाना जब राष्ट्र नायक सावरकर को कायर कह कर बुलाते हैं हां मुझे चुभता है तुम्हारा मौन हो जाना जब औरंगजेब, खिलजी तैमूर, टीपू महान बताए जाते हैं