#OpenPoetry सुख भरपूर गया, माँग का सिंदूर गया। नन्हे नौनिहालों की लँगोटियां चली गई ।। बाप की दवाई गई, भाई की पड़ाई गई छोटी छोटी बेटियों की चोटियाँ चली गई। ऐसा विस्फोट हुआ जिस्म की न जाने कहाँ कहाँ बोटीयाँ चली गई। आपके हमारे लिए तो एक आदमी मरा है साहब, पर उस घर की तो पूरी रोटियाँ ही चली गई।। 😔😔 #terror #attack #on #army #force