जीवन की उलझनों में जब हम बहुत ज्यादा उलझे होते हैं। दिमाग उलझन में फंसा रहता है और मन घबराता रहता है। ऐसे में जब काम को जल्दी से पूरा करने की चाहत होती है। समय होता है कम और समय पे न करने की आदत होती है। हड़बड़ा से जाते हैं हम और हमारे हाथ - पैर फूलने लगते हैं। आंखों में अंधेरा सा छाता हैं और फिर दिमाग घूमने लगता है। फिर कुछ समझ ना आता है सब उल्टा पुल्टा लगने लगता है। काम को जल्दी निपटाने का सब फिर हम पर जोर लगाते हैं। हमारा दिमाग बहुत भन्नाता है और हम दबाव में आ जाते हैं। थोड़ा सा डरते,थोड़ा सा घबराते हैं और हाथ कांप से जाते हैं। बिना सोचे समझे ही हम सब काम उल्टा पुल्टा सा निबटातें हैं। ऐसे समय में हमें सारी दुनियां ही उल्टी पुल्टी सी नजर आती है। उल्टा पुल्टा काम करने के लिए बाद में हम खुद ही पछताते हैं। -"Ek Soch" #उल्टा पुलटा #newchallenge There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio) Today's Topic is *उल्टा पुलटा* Any writer can write anything but *remember the rule* *RULES*📜-