वो एक लम्हा , जो आकर गुज़र गया छूकर मेरे मन को चंचल सा कर गया वो लम्हा आँखों में अब तक चल रहा है, ऐसा था कुछ वक़्त, कुछ ऐसा था मौसम वो हवा अब तक जो तन को छू रही है, कहती है फिर मिल जाएं वैसे ही हम कही मन बावरा अब भी वही ठहरा हुआ सा है वो एक लम्हा, जो आकर गुज़र गया , छूकर मेरे मन को चंचल सा कर गया. वो एक लम्हा जो सोचने में गुज़र गया है। #एकलम्हा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सुचितापाण्डेय #suchitapandey