एक मंडया रह स सामण.. लाग्या रहू तेरी यादा ने थामण.. यो शीशा भी आजकल मेरे सवाला का जवाब नही देता.. बिस्तर मैने चैन की नींद और तकिया मैने देखण ख्वाब नही देता.. ©Mukesh Mangali #सामण #याद #MukeshMangali