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गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो,  एक खुराक सुबह एक खुराक

गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो, 
एक खुराक सुबह एक खुराक शाम, 
ये वही दवा है जिससे, 
बीमारे-इश्क को मिलता है तुरंत आराम
गजल-ए-उल्फत पढ़ लिया करो, 
एक खुराक सुबह एक खुराक शाम, 
ये वही दवा है जिससे, 
बीमारे-इश्क को मिलता है तुरंत आराम