मनुष्य को! याचना और अनुकरण से कुछ नहीं मिलता। मेरी तरह शीतलता और सुगन्ध तुम्हारे अन्दर भरी है। प्रयत्न करो- तुम भी शीतल और सुगन्धित हो जाओगे। प्रयत्न