कभी कभी हमारे पास रंज करने की इतनी वजह होती हैं कि हम उन सब को जी भर सोच लेने के बाद बस ख़ामोश हो जाते हैं सिर्फ इसलिए नहीं कि हम समझ नहीं पाते किस बात का शोक मनाया जाए किस बात पर रंज किया जाए इसलिए कि ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है हमारी ज़िंदगी का …। ©हिमांशु Kulshreshtha कभी-कभी