तुझ से मोहब्बत की बदौलत , मुनासिब हुआ है जो यें द़र्द मुझे….!! आख़िर कब तक रहेगा , महज़ साँसों की थमने तक हीं न…!! #मोहब्बत_का_सफ़र #तुझसे #दर्द_और_खामोंशियाँ #दर्द_ए_कलम