कभी खुशियों से हरी भरी कभी अनायास फिसलन से भरी। कभी होते धूप कांटे और पत्थर कभी फूलों सी महकती हर तरफ हरी हरी। कभी अवरोध हटाकर करनी पड़ती आगे बढ़ने की तैयारी कभी बीच सफर में ही खत्म हो जाती है उम्र सारी। ना कोई जान पाया था ना कोई जान पाएगा सदा समझ से परे है ए जिंदगी ये राहें तुम्हारी। ©Anita Agarwal जिंदगी की राहेँ