बेवफाई सब कर रहे तुम तो कुछ नया करो तुम समझदार बहुत थे ख़ाक को अब हवा करो आग को कहां इल्म है रूख़ हवाओं ने बदल लिया बेख़ुदी में बहुत जी लिए मुझको अब मुझसे रिहा करो जाऊं तो फिर जाऊं किधर उससे जुड़ी मेरी हर डोर है ये ज़िदंगी जैसे एक पेड़ है मैं उसकी कोई डाल हूं... © abhishek trehan #बेवफ़ाई #रिहाई #आग #lovestory #zindagikasafar #manawoawaratha #sufi