काम की तारीफ़ करो उन चारागरों की जो सेवा में लगे हैं दिन रात मरीज़ों की अपने परिवार को छोड़ कर बेख़ौफ़ आस जगा रहे हैं वो दूसरों के घरों की खुद जल रहे हैं वो वबा की आग में बुझती लौ बचा रहे हैं वो चिराग़ों की ख़ुदा बनकर जमीन पर उतरे हैं तबीब जी जान से बचा रहे हैं जाँ बशरों की 'सफ़र' मुक़द्दस है हयात में उनका परवाह नहीं अब उनको आँधियों की चारागर- doctor तबीब- doctor वबा- महामारी ♥️ Challenge-560 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)