पुरानी यादें आज भी, आप जैसो के लिए इसमें रखा कुछ भी नहीं लेकिन ऐसा तो ना कहिए कि वफा कुछ भी नहीं आप कहिए तो निभाते चले जायेगे मगर इस तालुक में अजियात के सिवाय कुछ भी नही मैं किसी तरह भी समझौता नहीं कर सकता या तो सब कुछ ही मुझे चाहिए या कुछ भी नहीं अब मैं क्या अपनी मोहब्बत का भर्म भी ना रखु मान लेता हूं उस शक्स में था कुछ भी नहीं P.राज #puraniyaadein