"बात-बात में" लेकर के मेरा दिल, कविता को दे दिया है वो रोज़ आ रही है, तूने ये क्या किया है मैं हो चुका हूँ तेरा, कैसे मैं निबटूं उससे हल मुझको ढूंढना है, मसला तेरा किया है बेरुखी भी मेरी, बनती नहीं है उससे मेरा पता जो आखिर, तूने उसे दिया है तुझ जैसी दीखती है, पर तू नहीं है वो गले तो नहीं लगाता, हां मुंह लगा लिया है बातों में भी है तुझसी, मीठी सी-रेशमी सी बात-बात में पर, उसको बता दिया है मेरा दिल उसी पे है, ये जानता तो हूँ मैं पर ये भी जानता हूँ, किसने उसे दिया है। #NaveenMahajan बात बात में #NightPath