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एक अजनबी से उस यात्रा के दौरान हुई थी मेरी मुलाकात

एक अजनबी से उस यात्रा के दौरान
हुई थी मेरी मुलाकात,
सुरमई चंचल शीतल निश्चल
बेहद हसीन थी वो रात, 
चांद भी था वो फ़लक पर
और थी तारों की उजली बारात, 
उसका वो खिला-खिला चेहरा 
और बेकाबू थे वो मेरे जज़्बात, 
बिन बोले ही हम बतिया रहे थे
हो रही थी बस आंखों से बात,
जब पड़ा एक चांटा जोड़से गाल में
तब नहीं थे ठीक मेरे हालात,
फिर आवाज़ गूंज उठा मम्मी की मेरे कानो में
"उठ बेटा भोर हुई, कह दे उसे - सुभ-प्रभात!!  एक अजनबी से 

हम सब के जीवन में किसी न किसी अजनबी से मुलाक़ात का अनुभव होता ही है।
आज इसी अनुभव को अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा करें। #collab करें #yqdidi के साथ।

#अजनबी
#funnything
#किस्सागोई
एक अजनबी से उस यात्रा के दौरान
हुई थी मेरी मुलाकात,
सुरमई चंचल शीतल निश्चल
बेहद हसीन थी वो रात, 
चांद भी था वो फ़लक पर
और थी तारों की उजली बारात, 
उसका वो खिला-खिला चेहरा 
और बेकाबू थे वो मेरे जज़्बात, 
बिन बोले ही हम बतिया रहे थे
हो रही थी बस आंखों से बात,
जब पड़ा एक चांटा जोड़से गाल में
तब नहीं थे ठीक मेरे हालात,
फिर आवाज़ गूंज उठा मम्मी की मेरे कानो में
"उठ बेटा भोर हुई, कह दे उसे - सुभ-प्रभात!!  एक अजनबी से 

हम सब के जीवन में किसी न किसी अजनबी से मुलाक़ात का अनुभव होता ही है।
आज इसी अनुभव को अपनी रचनाओं के माध्यम से साझा करें। #collab करें #yqdidi के साथ।

#अजनबी
#funnything
#किस्सागोई
darshanblon1957

Darshan Blon

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