महाभारत के युद्ध के पश्चात सभी कौरवों का नाश हुआ मात्र पांडव बचे। इसके कारण एक और वंश का खात्मा होने वाला था श्रीकृष्ण का यदुवंश। युद्ध की समाप्ति के बाद जब कृष्ण पांडव सहित गांधारी से मिलने गये। गांधारी ने क्रोधावेग में श्रीकृष्ण को विनाश का जिम्मेदार ठहराया श्राप दिया। गांधारी ने श्रीकृष्ण से कहा विष्णु का अवतार हो चाहते तो युद्ध रोक सकते थे। मैं तुम्हारी पूजा करती थी तुमने मेरी प्रार्थनाओं का सिला इस तरह दिया। गांधारी ने कहा पुत्र खोने का दर्द अपनी मां से पूछो उन्होंने मात्र सात पुत्र खोयें हैं। कृष्ण ने कहा यदि वे चाहती तो दुर्योधन और अन्य पुत्रों को बचा सकते थी। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया इस पर गांधारी और क्रुद्ध हो गई कृष्ण को श्राप दिया। गांधारी बोली यदि मेरी भगवान श्री विष्णु और मेरे पति के प्रति भक्ति सच्ची है। तो छत्तीस वर्ष बाद तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी द्वारका नगरी पानी में बह जाएगी। जैसे तुमने भाइयों को भाइयों से मरवाया है वैसे ही यदुवंश का विनाश हो जाएगा। कृष्ण ने श्राप को सहर्ष स्वीकार किया श्री कृष्ण द्वारका वापस आकर रहने लगे। जब रूक्मिणी गर्भवति हुई तब कृष्ण ने भगवान शिव से उन्हीं की तरह का पुत्र मांगा। महादेव विनाश के देवता हैं श्रीकृष्ण चाहते थे उनका पुत्र विनाश का कारण बने। छत्तीस वर्ष बाद हालात ऐसे हुये कि पुत्र सांब यदुवंश के विनाश का कारण बना। #good #writer #yqbaba #yqdidi #competitionsbymanavi #matagandhari Some rules related to new competition ✔Aapko do din me ek topic dia jaega jisme aapko collab krna hai. ✔Time limit: 05:00 pm next evening.. ✔No word limit. You can surely write in caption. ✔Results will be out the same evening.