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आज के इंसान भी अजीब से फ़ितरत रखते हैं, दोहरे चेहर

आज के इंसान भी अजीब से फ़ितरत रखते हैं,
दोहरे चेहरे लिए फिरतें हैं।
आँखों में होती हैं वासनाओं की भुख,
कह लिखकर जज्ब़ाती बाते, 
सामने लोगों की एक अलग ही चेहरा परोसते हैं। 
आजकल के इंसान भी अजीब फ़ितरत रखते हैं।
अक्सर देखा है हमने कैनवास पर नंगी तस्वीर उकेरते जिन्हें,
बात वही लड़कियों की छोटे कपड़ों पर करते हैं।
औरतों के संवेदनाएं ताक पर रखकर, 
शुरुआत भद्दी छिटाकशीं से करते हैं,
और कहकर देखो जो उन्हें दो बात कड़वी, 
हम तो बस मसखरी करते हैं,
बात यही वो बस कहते फिरते हैं। 
फिर बहन निर्भया की बरसी में,
वो मोमबत्तीयां लिए चौराहे पे खड़े मिलते हैं।
आजकल के इंसान भी अजीब से फ़ितरत रखते हैं,
हरवक्त दोहरे चेहरे लिए फिरतें हैं। #दोहरे_चेहरे_लिए_फिरते_हैं #nojotohindi #nojotoapp #nojotopoetry #thought
आज के इंसान भी अजीब से फ़ितरत रखते हैं,
दोहरे चेहरे लिए फिरतें हैं।
आँखों में होती हैं वासनाओं की भुख,
कह लिखकर जज्ब़ाती बाते, 
सामने लोगों की एक अलग ही चेहरा परोसते हैं। 
आजकल के इंसान भी अजीब फ़ितरत रखते हैं।
अक्सर देखा है हमने कैनवास पर नंगी तस्वीर उकेरते जिन्हें,
बात वही लड़कियों की छोटे कपड़ों पर करते हैं।
औरतों के संवेदनाएं ताक पर रखकर, 
शुरुआत भद्दी छिटाकशीं से करते हैं,
और कहकर देखो जो उन्हें दो बात कड़वी, 
हम तो बस मसखरी करते हैं,
बात यही वो बस कहते फिरते हैं। 
फिर बहन निर्भया की बरसी में,
वो मोमबत्तीयां लिए चौराहे पे खड़े मिलते हैं।
आजकल के इंसान भी अजीब से फ़ितरत रखते हैं,
हरवक्त दोहरे चेहरे लिए फिरतें हैं। #दोहरे_चेहरे_लिए_फिरते_हैं #nojotohindi #nojotoapp #nojotopoetry #thought