"तेरी याद, तेरी कमी " रोते रहे तेरी यादों में, भरते रहे शिश्किया रातभर,, बहते रहे इन बांवरिया नैनों से... यूं ही गंगा जमुना की नहर। कुछ पल तो मुस्कुराए, उनके साथ खूब, जिसने माना हैं मुझे अपनी, मुहब्बत का खुदा, जो मांगता है हर पल, हर वक्त, मेरे लिए ही दुआ। परंतु तेरी यादों के सामने सारा जग, बेगाना सा है, तुम जब साथ होते हो तो लगता है, दुनिया में सब कुछ, अनजाना सा है। जब तेरा मैसेज, कॉल नहीं आता! न चाहकर भी ये दिल;बहुत उदास हो जाता है! तेरी यादों के काला साया मुझसे, भुजंग सा लिपट जाता है। तेरे एक मैसेज भर से, सामने पड़ी मेरे आंखों पर पड़ी, काले साए की समाप्ति हो जाती है। और चेहरा गुलाब सा खिल जाता है। ©anjana wrighter "तेरी याद, तेरी कमी"