प्रिये दादा जी सब कुछ तो तुम ही थे मेरे सायें बताते है मेरे बढते कदम हर रोज अक्सर बताते है #Oldpeople साथ मेरे जब तुम होते थे दादा जी बस पास आए लम्हे भी अक्सर ठहर जाते थे