.. खुशामदीद.. 💞 .. फ़र्क़ नज़रिये का पैमाना हो आस कभी ज़ाहिद भी, आला न मुमकिन ख़ामी बगैर है कसर कस उम्दा भी..! शब्द कस के माने, व्यक्ति और ज़ाहिद के माने, विरक्त, विषय विरक्त।