कहां जाएं सच झूठ कौन समझाए, कैसे पता की किधर जाए, ये रात्रि सच है तो फिर सवेरा क्यों, और सवेरा सच है तो अंधेरा क्यों, हवाएं शांत है तो जल सागर क्यों लहराएं, कैसे पता की किधर जाएं। जब प्रीत दोष नहीं तो कोई दोष बताएं, लहरती नदियों पर जोर किसका जताएं, जब सूरज जले तो बारिश बरसे, पर बारिश जलाए तो पानी को तरसे, और रोता आसमां भी बैठा निगले जाए, तो कैसे पता की कहां जाएं। उतर भंवर में पंवर तू सीप लाए, पर क्या हो जो उसमे मोती ना आए, किसको कोसेगा जब किस्मत डसें, और सपनों कि मौत पर अब कैसे हसें, यहां हम उम्मीदों के भी पर नज़र आएं, तो कैसे पता की कहां जाएं। कौन अपना कौन पराया कैसे पहचान हो, और किस तोते में अटकाएं अपनी जान को, अपना गम हम किसको पकड़ के सुनाएं, ऐसा अब कोई नहीं जिसे दोस्त बनाएं, जब हर वक़्त दोस्ती में कमीं बढ़ जाए, तो कैसे पता की कहां जाएं। कहां जाएं #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqdidichallenge #yqbabachallenge #yqbhaskar #writersduniya #mdwriter