#OpenPoetry वक़्त गुजारना नही यादे समेटनी है कल के किस्सो पे इतराना नही कहानी लिखनी है किताबों में रखे फ़ूलों की दास्ताँ सुननी है डायरियों के पन्नों पे लिखी वो बाते जिसे लिखते एक जिंदगी जी लिए आज मुझे वो फिर से जिनी है उसका किसी बहाने से गलियों में आना बार बार मिलने को बहाना बनाना फिर अनजान बन मुस्कुराना मुस्कुराहटों में छिपी महोब्बत फिर से करनी है नही चाहिए ये social media वाला प्यार मिले जो गवाही किताबों के पन्नों से वो महोब्बत करनी है छुप छुप के मिलना बात करना हाथों में हाथ लिए दूर तक चलना जहा बिछड़े भी तो कल फिर मिलने को मुजे वो महोब्बत करनी है । _Soor #OpenPoetry #lovethosedays #lastforeve #soor_wordss