भीग जाना तेरे इश्क़ में रूह तलक़, इस दिल की अजब है आवारगी। होना जुदा इस ज़िस्म का तुझसे, इन साँसों की है बेबस बेचारगी। •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - ८ •●• 《चैलेंज: ४》 कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १६ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। अनिवार्य हैशटैग: