White उम्र भर हम ख्वाहिशों का रोना रोते रहे, अपने टूटे हुए सपनों को,दिल मे संजोते रहे, तुम्हारे दिए अश्कों से भी, इश्क़ किया हमने, ख्यालों की क़लम से, हर ज़ख्म सिया हमने, इतने दर्द से गुज़रे हैं, कि अब दर्द नहीं होता, सुबह की उम्मीद मे, ये दिल सब्र नहीं खोता, क्यों रुलाया मुझे, ये दिल पूछता है बार बार, हर लम्हा तेरे इश्क़ मे,सहता हूँ अश्कों के वार, एक दिन तो चुप्पी तोड़ेगी, मेरी मौन की आवाज़ उस दिन मेरी उम्मीदों की, तुम देखना परवाज़।। ©poonam atrey #क्योंरुलायामुझे #दमतोड़तीख्वाहिशे #पूनमकीकलमसे #नोजोटोहिन्दी Rameshkumar Mehra Mehra अदनासा- प्रशांत की डायरी हिंदी कविता