#मिथकों_का_विकास जितना अपना प्रिय ना हुआ कभी आस-पास, उससे अधिक तो हो गया मिथकों का विकास। और फिर सबने सोचा वही जो कुछ पढा सबने, काल्पनिक दुनिया बनाते-बनाते बनी बकवास। मगर गर्व हुआ यह देखकर कि शब्दों पर पकड़ हुई और अच्छी अलबत्ता अनुशासन रहे उदास।। ... विकास साहनी ©Vikas Sahni #मिथकों_का_विकास___विकास_साहनी #Book