Nojoto: Largest Storytelling Platform

ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते। सङ्गात् संज

ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात् संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते।।

भावार्थ:- विषयों का चिन्तन करने वाले पुरुष की उन विषयों में आसक्त्ति हो जाती है, आसक्त्ति से उन विषयों की कामना उत्पन्न होती है और कामना में विघ्न पड़ने से क्रोध उत्पन्न होता है।।

©teachershailesh
  क्रोध कैसे उत्पन्न होता है.....!#supersamvaad#geetagyan
trshaileshsingh1683

TeacherShailesh

Bronze Star
Growing Creator
streak icon21

क्रोध कैसे उत्पन्न होता है.....!#supersamvaad#geetagyan #Thoughts

609 Views