पिंजरे में अबतक बंद था प्राचीन भारत की धरोहर.. भारतवर्ष की आत्मकथा कहीं गुम हो गई थी.. खो गया था भारत का स्वाभिमान अदृश्य हो गए थे आर्यावर्त के मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम.. (अनुशीर्षक पढें) 15 अगस्त 1947 में देश आज़ाद तो हो गया था पर, पर इसके नहीं उड़े थे पिंजरे में अबतक बंद था प्राचीन भारत की धरोहर.. भारतवर्ष की आत्मकथा कहीं गुम हो गई थी..