कुछ काम हमें भी दो साहब मैं अब घर मे सबसे बड़ा हो चुका हूँ उम्र छोटी लग सकती है मगर मेहनत का कद नहीं पेट पालने का हुनर मैं भी जान चुका हूं मुखिया हूँ अब अपनी उस झोपड़ी का जिसमें पूरे पाँच लोगों से रात के खाने का वादा कर चुका हूँ खुद चाहे भूखे ही रहना पड़े पसीने को खून में बदलकर भी कुछ सिक्के तो आज कमाना है क्योंकि कल रात ही मैं उनकी भूख से जलती आंखों में रोटी के उस एक निवाले का ख़्वाब सजा चुका हूँ.. ~Lovely spreet #antichildlabourday #Nojoto #nojotonews #arzhai Vimarsh Munsif