#ख़ुमारी शब्द बड़ा गहरा है, इसका अर्थ होता है 'न ही बेहोशी और न होश'; 'दोनों और दोनों नहीं' , 'कुछ-कुछ होश, कुछ-कुछ बेहोशी' ~~ दोनों का मिलन जहाँ हो रहा है वह संध्याकाल, जहाँ दिन मिलते हैं और रात मिलती है ...... जब एक तरफ से देखो तो लगता है ख़ुमारी है - डोलते देखोगे, मस्त होते देखोगे, वहीँ दूसरी तरफ से देखोगे तो पाओगे सब थिर है, स्थितप्रज्ञ को पाओगे ~ एक तरफ मीरा का नाच है और एक तरफ बुद्ध का मौन है, ये दोनों जहाँ मिल गए हैं, उसका नाम है ख़ुमारी ... कृपया इस 'ख़ुमारी' को मदिरा के 'ख़ुमारी' से मिश्रण ना करें !! #CalmingNature