Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक अजीब सी शांति है इस धरा पर है गजब का पसरा सन्ना

एक अजीब सी शांति है इस धरा पर
है गजब का पसरा सन्नाटा
अब सुन सकती हूं मैं धुन चिड़ियों की
जो कहीं खो सी गई थी इस कंक्रीट के जंगल में।
अब मदमस्त लगने लगी है मुझे यह पवन
मैं यूं ही नहीं होने लगी हूं मगन
यह प्रकृति की शांति, यह पक्षियों का कलरव।
 अब मैं सुन सकती हूं, क्योंकि ना है शोर कहीं,
ना ही है भागम भाग।
मैं मस्त मगन सी आनंदित हो
अब खूब सारी बातें करती हूं प्रकृति से।
क्योंकि अब वह भी मेरी सुनने लगी है और मैं भी उसकी सुनने लगी हूं।
😊 #प्रकृतिकीमनमोहकशांति
एक अजीब सी शांति है इस धरा पर
है गजब का पसरा सन्नाटा
अब सुन सकती हूं मैं धुन चिड़ियों की
जो कहीं खो सी गई थी इस कंक्रीट के जंगल में।
अब मदमस्त लगने लगी है मुझे यह पवन
मैं यूं ही नहीं होने लगी हूं मगन
यह प्रकृति की शांति, यह पक्षियों का कलरव।
 अब मैं सुन सकती हूं, क्योंकि ना है शोर कहीं,
ना ही है भागम भाग।
मैं मस्त मगन सी आनंदित हो
अब खूब सारी बातें करती हूं प्रकृति से।
क्योंकि अब वह भी मेरी सुनने लगी है और मैं भी उसकी सुनने लगी हूं।
😊 #प्रकृतिकीमनमोहकशांति