धरती के रहनुमाओं ने, दरार कर हर चीजों को बाँट दी, हमनें प्यार का सेतु बनाकर, असमानताओं को पाट दी। रहे ना दूरी कभी दिल का, सारे गिले-शिकवे भूल जाओ, जो दिली सरहदों को बाँट दे, ऐसे सेतु को मत बनाओ। राम ने सेतु निर्माण किए, अपने प्यार को वापस लाने को, हम भी प्रेम सेतु निर्माण करें, अपने प्यार को अपनाने को। सेतु दो दिलों के बीच अथाह जल-थल, खाई को पाटता है, पर अभिमानियों के अभिमान का सेतु, दिलों को बाँटता है। 💖Open for collab💖 Hello amazing writers💖 ✒We decided to give you 1 topic daily on which you have to write your thoughts. So today's topic is "Bridge/सेतु" ✒There is no restrictions on length and language of your post.