आंधियों से लहरे डरते नहीं हैं, अब हम भी किसी पे मरते नहीं हैं। ओ वक़्त गुज़र गया वक़्त के साथ, ओ सामने से चली जाती हैं, मगर हम उन्हें अब देखते नहीं हैं। By आर्या बरेठ। listen to my broken heart. What does he say??