पहाड़ो के शहर से आते है जनाब सादगी हमारे नश नश में बसी है चन्द हवाए हमे क्या तोड़ेंगी हमने तो पूरा तूफ़ान खुद में समेटा है ©Anmol Mandavi कांकेर....