"इश्क़" पे लिखा तो लोगों ने दीवाना कहा, "दर्द" पे लिखा तो कबीर, "गरीब" पे लिखा तो ग़ुरबत से देखे, "माँ" पे लिखा तो अमीर, शब्दों से खेलना पसंद है मुझे एक सांचे में मुझे मत ढालना, अभी कई राज़ खोलने बांकी हैं 'डिअर' कोई ग़लतफ़हमी मत पालना.. दुआ और आशीर्वाद का एक गुल था जो काफी मिन्नतों से खिला था, मुझे शौक नहीं खुद को 'dear' कहने का, ये नाम मुझे बचपन से मिला था.. ख्वाईश रहती है मेरी कि हर दिल तक जाऊं, दर्द लिखूं तो रो दे हर कोई, प्यार लिखूं तो दीवाना बना दूं, ये वाज़िब है कि ज़माना अपने नज़रिये से आंकेगा मुझे, उसका नज़रिया बदल सकूं काश कुछ ऐसा लिख जाऊं... #yqdidi #dearsdare #yqmylife #yqbiography #yqloveyou #yqthoughts