कà¤à¥€-कà¤à¥€ खुद को भी आज़ाद कराना पड़ता है समाज के समझाए खोखले पिंजरों से मन का पंछी बे-खौफ उड़ाना पड़ता है ©Reema K Arora #Twowords #completingtheshayri