मेरे सुख़न की कैफ़ियत, यूँ अच्छी लगने लगती है ज़िक्र ज़रा हो उसका, ग़ज़ल उसकी लगने लगती है #Riz wan जिक्र जरा हो उसका तो ग़ज़ल सी लगने लगती है