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संघर्ष भरी ये राह हैं। कवि - देवेश पाण्डेय 'चिन्मय

संघर्ष भरी ये राह हैं,
यहाँ जीत ही विराम हैं।
ये जीवन हैं एक कुरुक्षेत्र,
उस रक्त पिपासित भूमि सा,
छल-छ्द्म द्वेष क्रोध से भरे,
उस भयंकर विनाशकारी रण सा,
जिधर हर रोज,
एक नया युद्ध छिड़ जाता है,

संघर्ष भरी ये राह हैं, यहाँ जीत ही विराम हैं। ये जीवन हैं एक कुरुक्षेत्र, उस रक्त पिपासित भूमि सा, छल-छ्द्म द्वेष क्रोध से भरे, उस भयंकर विनाशकारी रण सा, जिधर हर रोज, एक नया युद्ध छिड़ जाता है, #Motivation #Like #share #hindipoetry #foryou #sangharsh #NojotoHaldwani

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